HI/710721 - यमुना को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क
21 जुलाई, 1971
कलकत्ता
मेरी प्रिय यमुना दासी,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। तुम्हारे 2 जुलाई, 1971 के सुन्दर पत्र के लिए मैं तुम्हारा धन्यवाद करता हूँ और मैंने उसे ध्यानपूर्वक पढ़ा है। मैं यह जानकर बहुत ही हर्षित हूँ कि तुम वृंदावन गईं थीं और मेरी पांडुलिपियां ताले में बन्द सुरक्षित हैं और सभी पुराने दस्तावेज़ जलाए जा चुके हैं। तुम्हारा बहुत धन्यवाद।
हाँ, यह एक उत्साहवर्धक बात है कि जे.दाल्मिया हमें रमण रेति में भूमि देने को उद्यत हैं। तो कृपया बात पक्की हो जाने के बाद मुझे सूचित करो। और कांसे के विग्रहों के दो जोड़ों का वायदा भी ट्रस्ट द्वारा किया गया था। उनका क्या हुआ। एक और अच्छा समाचार यह है कि तुम सभी स्त्रियां प्रतिदिन प्रचार के लिए बाहर जा रहीं हैं। बहुत अच्छे। यह पूरे उत्साह के साथ जारी रखो।
हाँ, कृष्ण धोती पहन सकते हैं। भला क्यों नहीं। जहां तक लंदन के विग्रहों के नामकरण की बात है, तो जब मैं अगस्त के पहले सप्ताह में वहां जाऊंगा, तब देखेंगे।
कृपया वहां अन्य सभी को मेरे आशीर्वाद देना। आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/एडीबी
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