HI/710724 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
चेतो दर्पण-मार्जनम (चै. च. अंत्य २०.१२)। हमारी यह प्रक्रिया केवल दिमाग के गन्दगी को साफ़ करना है। हम हैं... हमारा दिमाग गंदी चीजों से भरा है, इसलिए यह हरे कृष्ण जप का अर्थ है चेतो-दर्पण-मार्जनम, हृदय की सफाई। और जैसे ही कोई हृदय से शुद्ध होता है, वह शुद्ध चेतना आती है, तो वह मुक्त हो जाता है। भव-महा-दावाग्नि-निर्वापनम। सभी समस्याएं तुरंत हल हो जाती हैं। अपनी स्थिति की गलतफहमी के कारण हमने बहुत सारी गंदी चीजें पैदा की हैं।" |
710724 - प्रवचन दीक्षा - न्यूयार्क |