HI/720227 - जदुरानी को लिखित पत्र, मायापुर
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
शिविर: इस्कॉन श्रीधाम मायापुर (उत्तर: इस्कॉन बॉम्बे)
27 फरवरी, 1972
मेरी प्रिय जदुरानी,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मैं तुम्हारे दूसरे पत्र के लिए तुम्हें धन्यवाद करता हूँ, जिसमें दिनांक नहीं है और जिसमें तुमने श्रीमद् भागवतम् की अपनी मौजूदा तस्वीरों के बारे में और प्रश्न पूछे हैं। मैं इनके उत्तर इस प्रकार से देने चाहुंगाः (1) ब्रह्माजी का कमल लाल रंग का है। (2) ब्रह्मा के चार मस्तक चार दिशाओं की ओर सम्मुख हैं। (3) वे सीधे कमल के कोमल केन्द्र पर ही बैठे हैं। (4) लेटे हुए गर्भोदकशायी विष्णु की कई प्रामाणिक व मानक तस्वीरों के संस्करण हैं। तो तुम इन्हें देख सकती हो कि उन्हें वस्तुतः कैसे बनाया गया है। अनन्त व गर्भोदकशायी विष्णु लग-भग एक ही आकार के हैं। (5) अनन्त नीले हैं और अन्दर से श्वेत। (6) तुम विष्णु के सिर के नीचे एकतकिया बना सकती हो। (7) ब्रह्माजी का आकार विष्णु के अनुपात में जानने के लिए तुम अन्य मानक तस्वीरें देख सकती हो। (8) श्रीमद् भागवतम् के तृतीय स्कंध, तैंतीसवें अध्याय का शीर्षक है “कपिल देव की शिक्षाएं।”
मैं आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य एवं प्रसन्नचित्त में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/एसडीए
जदुरानी दासी
इस्कॉन प्रेस
32 टिफ़नी प्लेस,
ब्रुकलीन, न्यूयॉर्क,
यू.एस.ए. 11231
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