HI/720505 - नित्यानंद को लिखित पत्र, होनोलूलू
त्रिदंडी गोस्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
शिविर: इस्कॉन होनोलूलू,
2016 मैकिन्ले, होनोलुलु
हवाई
5 मई, 1972
मेरे प्रिय नित्यानन्द,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा दिनांक 18 अप्रैल, 1972 का पत्र मिला और मैंने उसे पढ़ लिया है। तुम्हारे उदार निमन्त्रण के लिए तुम्हारा धन्यवाद और मेरे अमरीका लौटने पर मैं स प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करुंगा। जहां तक संचालन का प्रश्न है, तो हल यही है कि सदा-सर्वदा कृष्ण एवं गुरुदेव का स्मरण करा जाए। फिर माया तुम्हें स्पर्श भी नहीं कर सकती। यदि तुम कठोरता से चार नियमों का पालन व कम-से-कम 16 माला जप करते रहो, तो कभी भी तुम्हारा पतन होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठेगा। कृष्ण ने तुम्हें वहां पर बड़ी अच्छी सुविधा दिलवाई हुई है। तो अटल विश्वास एवं उत्साह के साथ उनकी सेवा करते रहो और वे तुम्हें पूरी कृपा देंगे।
कृपया वहां पर सभी को मेरे आशीर्वाद देना। आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य व प्रसन्नचित्त अवस्था में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए.सी.भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/एनकेडी
श्रीमन नित्यानंद दास अधिकारी
इस्कॉन न्यू ऑरलियन्स
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