HI/730101 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"सब कुछ परम तत्त्व से प्रकट हो रहा है । तो प्रेम है । जिस प्रकार राधा कृष्ण का प्रेम, किशोर किशोरी, किशोर कृष्ण, किशोरी राधारानी । ये प्रेम इस संसार में विकृत रूप में दिखाई पड़ता है जिसको प्रेम का नाम दिया है । वो तो केवल कामवासना है, इस लिए इसको प्रेम की विकृत छवि कहा जाता है । कामवासना इसलिए क्योंकि इक किशोर लड़का ..., इक किशोरी लड़की मिलते है, एक दूसरे से प्यार करते है, और ज़रा सा मतभेद होता है और वो अलग हो जाते है।" |
730101 - प्रवचन NOD - बॉम्बे |