HI/730913 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लंडन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
इसलिए जब आप भक्ति मंच पर आते है तो बस कृष्ण को संतुष्ट करने के लिए l वास्तविक मंच मे, सभी को अपने स्वयं की इच्छायो को संतुष्ट करना है l यही अंतर है l इसलिए यदि आप अपनी भौतिक गतिविधियों को छोड़ देते है, त्यक्तवा स्वा- धर्मण कारानांबुजह हरे बय, और भावुकता से या कैनवसिंग करके या यह देखकर की " ये लोग कृष्ण जागरूक लोग है l वे बहुत अच्छे है l" |
730913 - प्रवचन भग 0२.४० - लंडन |