HI/731106 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद दिल्ली में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"यदि आप भगवान की प्रेममयी सेवा में संलग्नित हैं, तो जिव्हा से उसका प्रारंभ हैं। सेवोन्मुखे ही जिह्वादौ, हरे कृष्ण मंत्र का जप करें और प्रसादम लें, इस प्रकार, धीरे-धीरे, जब आप शुद्ध हो जाएंगे, तो आप समझ जाएंगे कि कृष्ण क्या हैं। वह स्वयं को आपके समक्ष प्रकट करेंगे। कृष्ण स्वयं को प्रकट करते हैं।" |
731106 - प्रवचन श्री भा ०२.०१.०३ - दिल्ली |