HI/740404 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"यह चैतन्य महाप्रभु का मिशन है। वह कहता है, 'तुम आध्यात्मिक गुरु बनो।' 'किस तरह? मेरे पास कोई योग्यता नहीं है।' 'नहीं। आप सिर्फ मेरा आदेश स्वीकार करें।' 'तो आपका क्या आदेश है, सर?' 'यारे देख तारे कह 'कृष्ण'-उपदेश ' 'आप जिससे भी मिलते हैं, उन्हें बस कृष्ण का निर्देश बोलें। तब आप आध्यात्मिक गुरु बन जाते हैं।' तो वास्तव में यह हो रहा है। हम अद्भुत आदमी नहीं हैं। लेकिन हमारा एकमात्र व्यवसाय यह है कि हम केवल वही बात बोल रहे हैं जैसा कि कृष्ण ने कहा है। बस इतना ही। कोई जादू नहीं है। यह जादू है। यदि आप निरर्थक रूप से, एक दुष्ट की तरह मिलावट करते हैं, तो आप आध्यात्मिक गुरु नहीं बन सकते। यदि आप केवल कृष्ण द्वारा कही गई बातों का अनुसरण करते हैं, तो आप आध्यात्मिक गुरु बन जाते हैं। बहुत ही साधारण सी बात। इसके लिए शिक्षा की आवश्यकता नहीं है। आप अपने आध्यात्मिक गुरु से सुन सकते हैं कि कृष्ण ने क्या कहा है। इसमें साक्षरता की भी आवश्यकता नहीं है। कई महान व्यक्तित्व, संत व्यक्ति हैं। मेरे गुरु महाराज के गुरु महाराज, वह अनपढ़ थे, गौरा किशोरा दास बाबा महाराज। वे अपने नाम पर हस्ताक्षर भी नहीं कर सके। लेकिन मेरे गुरु महाराज अपने समय के सर्वश्रेष्ठ विद्वान थे। उन्होंने उन्हें गुरु के रूप में स्वीकार किया।" |
740404 - प्रवचन भ.गी.०४.१५ - बॉम्बे |