HI/741103 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"तो हमारा कार्य कृष्ण तत्त्व को समझने का है, सत्य में, सतही नहीं। तब हमारा जीवन सफल होता है। जनम कर्म में दिव्यम यो जानती तत्त्वतः(भ.गी.४.९) सतही तौर पर नहीं, सत्य को समझने के लिए।"
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741103 - प्रवचन श्री.भा. ०३.२५.०३ - बॉम्बे |