HI/750221c सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद कराकस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"इस दुनिया का क्या होगा, इस पर चिंतन करने के बजाय, आपको जीवन की एक छोटी अवधि मिली है, मान लीजिए कि पचास, साठ वर्ष। आप हरे कृष्ण का जप करें और धाम वापस जाएं, भागवत धाम। इस पर विचार न करें कि इस दुनिया का क्या होगा। प्रकृति इसका देख-रेख करेगी। आप इन विचारों को लेकर अपने मस्तिष्क को भ्रमित न करें। आपके पास जो भी समय है उसका आप उपयोग करें और धाम वापस जाएं, भागवत धाम वापस जाएं। (ब्रेक) आप इसे रोक नहीं सकते। सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपने जीवन को ढालें और धाम वापस जायें ,भागवत धाम वापस जायें। "अपने यन्त्र में तेल डालें।" यह सोचने के बजाय कि क्या होगा . . . वो तो होकर रहेगा। क्योंकि लोग अपनी धूर्त सभ्यता को चालू रखेंगे, प्राकृतिक परिणाम होंगे। बेहतर होगा कि आपके पास जो भी समय हो उसका सदुपयोग करें और पूरी तरह से कृष्ण भावनाभावित हो जाएं और धाम वापस जाएं।"
750221 - सुबह की सैर - कराकस