HI/750805 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद डेट्रॉइट में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह अत्यधिक गुप्त विज्ञान है, कि आपको अपनी जीभ को नियंत्रित करके अपनी मुक्ति का रास्ता साफ करना होगा। फिर अन्य चीजों को नियंत्रित किया जाएगा, क्रमिक रूप से : जीभ, फिर पेट, ततपश्चात जननांग। इसलिए हमारे संघ में हमने जीभ को प्रतिबंधित कर दिया है: 'मांस मत खाओ। नशा मत करो।' तत्पश्चात : 'जननांग का कोई स्वतंत्र उपयोग नहीं, यानि अवैध यौन भी प्रतिबंधित'। तो भौतिक नियमों से मुक्त होने के लिए हमें इन नियमों की आवश्यकता है। इसे तपस्या कहते है। मानव जीवन तपस्या के लिए है, न कि बिल्लियों, कुत्तों और शूकरो की तरह जीवन व्यतीत करने के लिए। यह मानव जीवन नहीं है।"
७५०८०५ - प्रवचन श्री.भा. ०६.०१.५२ - डेट्रॉइट