HI/751002b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉरिशस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"ये लड़के, यूरोप और अमेरिका के ये लड़के, उन्होंने इस आध्यात्मिक जीवन को अपना लिया है, इसका मतलब है कि उन्होंने इन्द्रियतृप्ति की प्रक्रिया को रोक दिया है-कोई अवैध सम्बन्ध नहीं, कोई मांस खाना नहीं, कोई जुआ नहीं, कोई नशा नहीं। यह जीवन का भौतिकवादी तरीका है। अन्यथा, इस जीवन और उस जीवन में अंतर कहाँ है?
तो अगर हम जीवन के भौतिकवादी तरीके से चिपके रहते हैं, तो इस कृष्ण भावनामृत आंदोलन को समझना बहुत, बहुत मुश्किल होगा । मतिर न कृष्णे परत: स्वतो वा मिथो अभिपद्येत गृह-वर्तानाम। क्यों? अब, अदांता-गोभी:। अदान्त का अर्थ है अनियंत्रित । अनियंत्रित। हमारी इंद्रियां अनियंत्रित हैं।" |
751002 - प्रवचन SB श्री. भा. ०७.०५.३० - मॉरिशस |