HI/760104 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद नेल्लोर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"इसलिए हम कृष्ण को भूलने के कारण इस भौतिक संसार में कष्ट भोग रहे हैं। यही मूल कारण है-कृष्ण को भुला देना। कृष्ण कहते हैं, "मैं सभी का बीज-प्रदः पिता हूँ," और हम कृष्ण को भूल गए हैं। हम अपने पिता को भूल गए हैं। यही रोग है। इसलिए इस रोग को ठीक करने के लिए...उन्हें कृष्ण भावनामृत के प्रति जागृत करना संसार में सर्वोत्तम कल्याणकारी कार्य है, पर-उपकार। चैतन्य महाप्रभु का मिशन यही है। जन्म सार्थक करि' कर पर-उपकार।" |
760104 - प्रवचन - नेल्लोर |