HI/760106 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद नेल्लोर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"वे सभी मूर्ख हैं। हम उन्हें मूढ़, दुष्कृतिनो मूढ़ कहते हैं। इसलिए उनकी मांग जायज नहीं है। अगर कोई मूढ़...अगर आपका छोटा बच्चा कहे, "पिताजी, मुझे बीड़ी, सिगरेट दीजिए," तो क्या आप उसे देंगे? क्योंकि वह मूढ़ है। इसलिए पिता बुद्धिमान है- "नहीं।" इसी तरह, मूढ़ मांग कर सकते हैं कि "यह अस्पताल खोलो।" लेकिन हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। हम जानते हैं...बेशक, जहाँ तक शरीर का सवाल है, अस्पताल की जरूरत है, लेकिन बहुत सारे अस्पताल हैं। असली अस्पताल जो मौजूद नहीं है, हम वहीं से शुरुआत कर रहे हैं। यही हमारा मिशन है, जो तथाकथित नेताओं और राजनीतिज्ञों के लिए संभव नहीं है।"
760106 - सुबह की सैर - नेल्लोर