HI/760302 - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"प्रह्लाद महाराज ने कहा, "तो मैं स्वामी बनने की यह सारी बकवास समझ गया हूँ। मेरे पिता ने भी स्वामी बनने की कोशिश की थी। तो यह ज्ञान, अब मैं पूर्ण हूँ। स्वामी बनने का कोई फायदा नहीं है। बेहतर है, अगर आप कृपा करके मुझे कुछ आशीर्वाद देना चाहते हैं, तो कृपया मुझे अपने सेवक का सेवक बना दें।" यह आशीर्वाद है। तो जिसने कृष्ण के सेवक का सेवक बनना सीख लिया है, वह पूर्ण है।"
760302 - प्रवचन श्री. भा. ०७.०९.२४ - मायापुर