HI/760315 - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"भगवद्गीता में कहा गया है, वेदैश च सर्वैर् अहम् एव वेद्यम् (भ. गी. १५.१५)। वैदिक . . . वैदिक ज्ञान क्या है? वैदिक ज्ञान का अर्थ है हमारी कृष्ण चेतना को पुनर्जीवित करना। यही वैदिक ज्ञान है। यदि आप अपनी कृष्ण चेतना को पुनर्जीवित करते हैं, तो यह वैदिक ज्ञान की पूर्णता है। लेकिन यदि आप केवल वेद पढ़ते हैं और औपचारिकताएँ, अनुष्ठानिक समारोह करते हैं, लेकिन आप अपनी कृष्ण चेतना को जागृत नहीं करते हैं, तो यह समय की बर्बादी है।" |
760315 - प्रवचन श्री. भा. ०७.०९.३७ - मायापुर |