HI/760316d - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"नेता, पूर्ण नेता, भगवान हैं। नित्यो नित्यानां चेतनश चेतनानां (क. उ. २.२.१३)। नित्य और चेतना, सभी जीव, हम शाश्वत हैं, और हम चेतन हैं। और वे परम चेतन हैं। इसलिए भगवान का अर्थ है परम पुरुषोत्तम । आप उनका नेतृत्व ग्रहण करें। तब वे आपका उचित मार्गदर्शन करेंगे। यही हमारा तत्त्वज्ञान है।" |
760316 - सुबह की सैर - मायापुर |