HI/760322 - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु दया कोरो मोरे, तोमा वीना के दयालु, जगत संसारे।
असल में हम किसी बड़े या छोटे इंसान की कृपा के पीछे भाग रहे है। यह चल रहा है। यह भौतिक जगत है। किंतु यदि हम भगवान की कृपा चाहे, तो वह बहुत अच्छा है। यहां वहा जाने के बजाए, अगर हमें... हमें कृपा चाहिए। इसपर कोई संशय नहीं। किंतु दूसरे लोग हम पर कृपा नही कर सकते। आशय यह है। इन्होंने इतने सारे संस्थापनाओ का उत्थापन किया है ताकि पीड़ित मनुष्य समाज पर कृपा हो सके, किंतु ये संभव नहीं। वो नही कर सकते । यह एक मिथ्या प्रयास है।" |
760322 - प्रवचन श्री.भा ०७.०९.४२ - मायापुर |