HI/760405 - श्रील प्रभुपाद वृंदावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"आपने आचरे प्रभु जीवेरे सिखाय, यही सिद्धांत होना चाहिए। खुद सही व्यवहार करके दूसरों को सिखाना चाहिए, फिर सब ठीक हो जाएगा। सबको साफ-सुथरा रहना चाहिए, सबको सुबह जल्दी उठना चाहिए, पढ़ना चाहिए, कुछ काम करना चाहिए, दिनचर्या के काम। तो फिर आप पूछ सकते हैं, "आप कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं? आप क्यों नहीं कर रहे हैं?" तब उसे शर्म आएगी . . . करो। तो इस सिद्धांत का पालन करना चाहिए, आपने आचरे प्रभु जीवेरे सिखाय।" |
760405 - बातचीत - वृंदावन |