HI/760410 - श्रील प्रभुपाद वृंदावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"मेरे गुरु महाराज कहा करते थे कि "आप पैसे पाने के लिए उपदेश देने की कोशिश मत करो। पैसा अपने आप आ जाएगा। आपके पैरों पर खड़े होकर पैसा कहेगा, 'कृपया मुझे स्वीकार करें।" आपको बहुत ईमानदारी से उपदेश देना चाहिए। यह आपका काम है। कभी इस बात की चिंता मत करो कि "पैसा कहाँ है? पैसा, पैसा, पैसा कहाँ है?" पैसा . . . मुक्तिर् मुकुलितांजलिः सेवते आसमान धर्मार्थ-काम समय प्रतीक्षाः।" |
760410 - प्रवचन श्री. भा. ०७.०९.५५ - वृंदावन |