"हमारा दर्शन शुद्धिकरण करना है, चेतो-दर्पण-मार्जनम् (चै. च. अन्त्य २०.१२)। हमारा तत्त्वज्ञान हृदय के अन्तर्भाग को सभी गंदी चीजों से शुद्ध करना है। यह हमारे तत्त्वज्ञान का मूल सिद्धांत है, चेतो-दर्पण-मार्जनम्, हृदय के अन्तर्भाग को साफ करना। इसलिए आज सुबह ही कई लड़के और लड़कियाँ दीक्षित हो गए। इसलिए हमारा पहला वचन है, विग्रह के सामने, अग्नि के सामने, वैष्णवों के सामने, आध्यात्मिक गुरु के सामने, कि आज के दिन से कोई अवैध यौन संबंध नहीं, कोई नशा नहीं, कोई मांसाहार नहीं, कोई जुआ नहीं। यह पहली दीक्षा है। फिर हरे कृष्ण मंत्र का जाप। बहुत सरल विधि। लेकिन भक्तों की संगति के बिना कोई इन चीजों का अभ्यास नहीं कर सकता। कोई भी इसे बाहर नहीं कर सकता। लेकिन यहाँ वे सक्षम हैं; वे तुरंत छोड़ देते हैं।"
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