"गुरु और कृष्ण की कृपा से यह दीक्षा, इसे बहुत हल्के में मत लो। इसे बहुत गंभीरता से लो। यह एक महान अवसर है। बीज का अर्थ है बीज, भक्ति का बीज। इसलिए आपने भगवान के सामने, अपने आध्यात्मिक गुरु के सामने, अग्नि के सामने, वैष्णवों के सामने जो भी वादा किया है, उससे कभी विचलित न हों। तब आप अपने आध्यात्मिक जीवन में दृढ़ रहेंगे: कोई अवैध यौन संबंध नहीं, कोई मांस नहीं खाना, कोई जुआ नहीं, कोई नशा नहीं-ये चार नहीं-और हरे कृष्ण का जाप करना-एक हाँ। चार नहीं और एक हाँ। इससे आपका जीवन सफल हो जाएगा। यह बहुत आसान है।"
|