HI/760505 - श्रील प्रभुपाद होनोलूलू में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"हम चाहते हैं कि किताबों की बिक्री जितनी संभव हो सके उतनी बढ़नी चाहिए। हम यही चाहते हैं। वही सिद्धांत: बच्चे को दवा लेने दो, पिता झूठ बोल रहा है इसकी परवाह मत करो। यही है . . . क्योंकि जैसे ही वह दवा लेगा, उसे लाभ होगा। साध्य साधन को सही ठहराता है। साध्य यह है कि हर किसी के पास कृष्ण साहित्य होना चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि साधन क्या है। चूँकि उसने एक कृष्ण साहित्य ले लिया है, इसलिए सब कुछ सही है। यही सिद्धांत है।"
760505 - बातचीत - होनोलूलू