HI/760630b - श्रील प्रभुपाद नव वृन्दावन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि कृष्ण सर्वशक्तिमान हैं, वे परमपिता हैं और वे परम स्वामी हैं। भोक्ताराम यज्ञ-तपसां सर्व-लोक-महेश्वरम् (भ.गी. ५.२९)। सर्वोत्तम जीवन कृष्ण की सुरक्षा में रहना है। अवश्य राखिबे कृष्ण विश्वास पालन, रकीश्यते इति विश्वासा पालनम्। इसे आत्मसमर्पण कहा जाता है, कि "कृष्ण मुझे सुरक्षा देंगे।" और कृष्ण यह भी वादा करते हैं, कौन्तेय प्रतिजानीहि न मे भक्तः प्रणश्यति (.भ गी. ९.३१)। कृष्ण भक्त हुए बिना भी सभी को सुरक्षा दे रहे हैं। और जो भक्त बन जाता है, कृष्ण उसकी कितनी देखभाल करते हैं, जरा कल्पना करें।"
760630 - प्रवचन श्री. भा. ०७.०६.१६ - नई वृन्दावन, यूएसए