HI/761216b - श्रील प्रभुपाद हैदराबाद में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"जब तक आप सत्व-गुण के गुणों को प्राप्त नहीं करते, आप उच्च ग्रह प्रणाली में भी नहीं जा सकते, ब्रह्मांड से परे जाने की तो बात ही क्या करें। ब्रह्मांड से परे, इससे परे, वैकुंठलोक, या ब्रह्मलोक, ब्रह्म-ज्योतिर् है। फिर सबसे ऊपर गोलोक वृंदावन है। लेकिन आप वहां जा सकते हैं। कृष्ण कहते हैं, मद-याजिनौ 'पि यान्ति माम् (भ.गी. 9.25)। यदि आप इस जीवन में तैयारी करते हैं, तो आप वहां जा सकते हैं। कोई बाधा नहीं है। बस आपको शुद्ध होना है। यह भक्ति-मार्ग शुद्धि की प्रक्रिया है।" |
761216 - प्रवचन भ. गी. १६.०८ - हैदराबाद |