HI/770116b - श्रील प्रभुपाद कलकत्ता में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"हम रीडर्स डाइजेस्ट से अगले दो सौ वर्षों के बारे में कुछ विषय-वस्तु पर चर्चा कर रहे हैं, कि कैसे चीजें घटित होंगी। वैज्ञानिक यह प्रस्तावित कर रहे हैं कि वे प्रकृति के नियमों को नियंत्रित करेंगे, और वे कचरे से भोजन का उत्पादन करेंगे-इतने सारे शानदार विचार। लेकिन चैतन्य महाप्रभु के अनुसार हमारा सुझाव: हरेर नाम हरेर नाम हरेर नाम इव केवलम, कलौ नास्ति एव नास्ति एव नास्ति एव गतिर अन्यथा। (चै. च. आदि १७.२१) |
770116 - वार्तालाप सी - कलकत्ता |