"यदि हम वास्तव में ईमानदारी से कृष्ण की सेवा कर रहे हैं, तो लोग ईर्ष्या कर सकते हैं, कि "ये लोग, महलनुमा इमारतों में रह रहे हैं।" भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर ने कहा "केवल भक्त ही महलनुमा इमारतों में रहेंगे। केवल भक्त।" सरकारी कर्मचारियों की तरह। (हिंदी) सरकारी कर्मचारियों को रहने के लिए सबसे अच्छी जगह दी जाती है। इसी तरह, जो भक्त हैं, उन्हें सभी सुविधाएँ दी जानी चाहिए। फिजूलखर्ची नहीं, विलासिता नहीं, बल्कि अच्छा भोजन, अच्छी जगह, अच्छी सुविधाएँ, हरे कृष्ण का जाप करें। यह हमारा वैष्णव है ... शुष्क नहीं है। हमारा मिशन, हम सभी को आमंत्रित करते हैं, "यहाँ आओ, आराम से रहो, हरे कृष्ण का जाप करो।" कामुक मत बनो, लेकिन बहुत अच्छी तरह से रहो और कृष्ण की सेवा करो। यह हमारा मिशन है।"
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