"जिसने भी हरे कृष्ण के महत्व को समझ लिया है, वह बच गया है। हमें केवल अपने आप को बचाए नहीं रखना चाहिए। हमें दूसरों के बारे में सोचना चाहिए। यही पर-उपकार है। जब तक आप सुरक्षित स्थिति में नहीं हैं, तब तक आप ऐसा नहीं कर सकते। जन्म सार्थक करि'। यदि आप प्रदूषित हो जाते हैं, तो आप कुछ नहीं कर सकते। यही रहस्य है। यदि आप प्रदूषित नहीं हैं, तो आप कुछ कर सकते हैं। अन्यथा यह केवल दिखावा होगा, कोई प्रभाव नहीं। यही रहस्य है। जन्म सार्थक करि' कर पर-उपकार (चै. च. आदि ९.४१)। तो चीजें बहुत आसान हैं, बिल्कुल भी मुश्किल नहीं हैं। यदि आप अनुसरण करते हैं, तो आप दूसरों का भला कर सकते हैं।"
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