HI/770215 - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"शरीर-यत्रपि च ते न प्रसिद्धयेद् अकर्मणः (भ.गी. ३.८)। यदि आप निष्क्रिय बैठे रहेंगे, तो आप भूखे मरेंगे। अन्यथा सब कुछ मौजूद है। आप थोड़ा काम करते हैं और अपनी सभी ज़रूरतें पूरी कर लेते हैं। एको यो बहुनां विदधति कामान (कठ उपनिषद २.२.१३)। वह एक व्यक्ति, भगवान, वह सभी को आपूर्ति कर रहा है, चाहे उनकी जो भी ज़रूरतें हों। आपको बस थोड़ा काम करना है। वह भौतिक दुनिया है। भौतिक दुनिया में आपको काम करना है। और आध्यात्मिक दुनिया में काम करने का कोई सवाल ही नहीं है। आपको जो कुछ भी चाहिए, आप चाहते हैं, सब कुछ वहाँ है। चिंतामणि-प्रकर-सदमसु कल्प-वृक्ष (ब्र. स. ५.२९)। आपको सब कुछ तुरंत मिल जाता है जब आप कुछ चाहते हैं। आपको काम करने की ज़रूरत नहीं है। वह आध्यात्मिक दुनिया है।"
770215 -वार्तालाप - मायापुर