HI/770217 - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह आंदोलन मनोमार्जन का नहीं है; हम दिमाग दे रहे हैं। आपका दिमाग कहां है? सबसे पहले आपके पास दिमाग होना चाहिए; फिर मार्जन का सवाल है। लेकिन आपके पास दिमाग नहीं है; आप नहीं जानते कि यह जीवन क्या है। इसलिए हम दे रहे हैं, दिमाग देने का आंदोलन, मनोमार्जन का आंदोलन नहीं।" इस बिंदु पर। "आपका दिमाग कहां है? आप नहीं ... आप यह नहीं समझा सकते कि मरे हुए आदमी और जिंदा आदमी में क्या अंतर है। आपके पास इतने बड़े-बड़े वैज्ञानिक, दार्शनिक हैं। आप नहीं जानते। तो आपका दिमाग कहां है? सबसे पहले अपना दिमाग लगाओ; फिर मार्जन का सवाल है या ... तो यह मनोमार्जन नहीं है; यह दिमाग देने का आंदोलन है।"
770217 - वार्तालाप - मायापुर