HI/770226b - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"वास्तविक तथ्य यह है कि कृष्ण आध्यात्मिक हैं और वे सर्वोच्च हैं। नित्यो नित्यानां चेतनश चेतनानाम् (कठोपनिषद २.२.१३)। यह वैदिक आदेश है। भगवान सर्वोच्च नित्य, शाश्वत और सर्वोच्च जीव हैं। शब्दकोश में भी कहा गया है, "ईश्वर का अर्थ है सर्वोच्च प्राणी।" वे "सर्वोच्च जीव" को नहीं समझ सके। लेकिन वेदों में केवल सर्वोच्च प्राणी ही नहीं, बल्कि सर्वोच्च जीव भी कहा गया है। नित्यो नित्यानां चेतनश चेतनाम् एको यो बहुनाम विदधाति कामान् (कठोपनिषद २.२.१३)। यह भगवान का वर्णन है। इसलिए आध्यात्मिक तत्व को समझना भी बहुत कठिन है, और भगवान की तो बात ही क्या करें। आध्यात्मिक ज्ञान का अर्थ है सबसे पहले यह समझना कि आत्मा क्या है। और वे बुद्धि या मन को आत्मा मान रहे हैं। लेकिन वह आत्मा नहीं है। उससे परे। अपरेयं इतस तु विद्धि मे प्रकृतिं परा (भ.गी. ७.५)।"
770226 - प्रवचन श्री. भा. ०७.०९.०६ - मायापुर