HI/770331 - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"यस्मिन विज्ञाते सर्वं इदं विज्ञातं भवति (मुण्डक उपनिषद् १.१.३)। यदि आप केवल कृष्ण को जान ले, तो आप सब कुछ जान जायेंगे। क्यों मै तब से चुनौती दे रहा हूँ इन दुष्ट वैज्ञानिकों को? क्योंकि मुझे कृष्ण पर विश्वास है। बस यही है। वैसे तो मै कोई वैज्ञानिक नहीं हूँ इसलिए उनको चुनौती देना मेरे लिए संभव नहीं । परन्तु मै जानता हूँ की मेरे पास उत्तम ज्ञान है इसलिए मै यह कर सकता हूँ। " |
770331 - बातचीत C - बॉम्बे |