HI/770424 - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"आप किसी गरीब इंसान को अमीर नहीं बना सकते और न ही किसी दुखी व्यक्ति को सुखी बना सकते है। यह असंभव है। कारणं गुणसङ्गोऽस्य सदसद्योनिजन्मसु (भ गी १३.२२). क्या आप एक शूकर को विष्टा की जगह हलवा खाने के लिए मजबूर कर सकते है ? कर सकते है क्या ? प्रकृति के नियमानुसार ये चलता जा रहा है। अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते (भ गी ३.२७). ये सब असंभव बातें मुर्ख लोगों के दिमाग की उपज होती है। यदि आप मानव समाज के लिए कुछ कर सकते है तो उन्हें कृष्ण भक्त बनने के लिए प्रोत्साहित कीजिये।" |
770424 - बातचीत - बॉम्बे |