HI/750310 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लंडन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/750310BG-LONDON_ND_01.mp3</mp3player>|"जब कृष्ण का जन्म हुआ था, तब गर्गमुनि उनकी कुंडली के बारे में गणना कर रहे थे, और उन्होंने नंद महाराज से कहा कि ' यह आपका बच्चा ...' इदानीं कृष्णतां गत:। शुक्लो रक्तस्तथा पीत इदानीं कृष्णतां गत: ([[Vanisource:SB 10.8.13| श्री.भा. १०.८.१३]]): ' आपके बच्चे का रंग पहले सफेद था।' सफेद रंग... कभी-कभी कुछ आलोचक हमारी आलोचना करते हैं कि ' कृष्ण हर जगह, वह काले हैं। आपके मंदिर में सफेद क्यों हैं?' लेकिन यह कहा जाता है कि शुक्ल, शुक्लो रक्तस्तथा पीत इदानीं कृष्णतां गत: ' आपके पुत्र के अन्य रंग भी थे, सफेद और लाल और पीले थे, और अब उन्होंने काला रंग ग्रहण कर लिया है' ।"|Vanisource:750310 - Lecture BG 07.02 - London|७५०३१० - प्रवचन भ.गी. ०७.०२ - लंडन}}
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{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/750303 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद डलास में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750303|HI/750314 बातचीत - श्रील प्रभुपाद तेहरान में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750314}}
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/750310BG-LONDON_ND_01.mp3</mp3player>|"जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, तब गर्गमुनि उनकी कुंडली के बारे में गणना कर रहे थे, और उन्होंने नंद महाराज से कहा कि यह आपका पुत्र ...' इदानीं कृष्णतां गत:। शुक्लो रक्तस्तथा पीत इदानीं कृष्णतां गत: ( श्री.भा. १०.८.१३): ' आपके शिशु का रंग पहले श्वेत था।' श्वेत! कभी-कभी कुछ आलोचक हमारी आलोचना करते हैं कि 'कृष्ण हर स्थान पर साँवले स्वरूप में विराजमान हैं। आपके मंदिर में वे श्वेत क्यों हैं? परंतु गर्ग मुनि के अनुसार ' शुक्ल, शुक्लो रक्तस्तथा पीत इदानीं कृष्णतां गत: ' आपके पुत्र के अन्य रंग भी थे, सफेद, लाल और पीले , तथा अब उन्होंने साँवला रंग ग्रहण कर लिया है'।"|Vanisource:750310 - Lecture BG 07.02 - London|750310 - प्रवचन भ.गी. ०७.०२ - लंडन}}

Latest revision as of 16:03, 15 January 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, तब गर्गमुनि उनकी कुंडली के बारे में गणना कर रहे थे, और उन्होंने नंद महाराज से कहा कि यह आपका पुत्र ...' इदानीं कृष्णतां गत:। शुक्लो रक्तस्तथा पीत इदानीं कृष्णतां गत: ( श्री.भा. १०.८.१३): ' आपके शिशु का रंग पहले श्वेत था।' श्वेत! कभी-कभी कुछ आलोचक हमारी आलोचना करते हैं कि 'कृष्ण हर स्थान पर साँवले स्वरूप में विराजमान हैं। आपके मंदिर में वे श्वेत क्यों हैं? परंतु गर्ग मुनि के अनुसार ' शुक्ल, शुक्लो रक्तस्तथा पीत इदानीं कृष्णतां गत: ' आपके पुत्र के अन्य रंग भी थे, सफेद, लाल और पीले , तथा अब उन्होंने साँवला रंग ग्रहण कर लिया है'।"
750310 - प्रवचन भ.गी. ०७.०२ - लंडन