HI/680803b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680803SB-MONTREAL_ND_02.mp3</mp3player>|हम कोई भेद नहीं करते हैं, कि एक पुरुष महिला की तुलना में बेहतर कृष्ण भावनाभावित हो सकता है । नहीं एक महिला बेहतर कृष्ण भावनाभावित हो सकती है, क्योंकि वे बहुत सरल होती हैं । वे किसी भी धार्मिक व्यवस्था को स्वीकार कर सकती हैं । आम तौर पर महिलाएं, वे इसे स्वीकार करती हैं, क्योंकि वे बहुत सरल होती हैं । उनका मन टेढ़ा नहीं होता है । इसीलिए, कभी-कभी उनका शोषण होता है । तो आध्यात्मिक मंच में ऐसा कोई भेद नहीं है ।|Vanisource:680803 - Lecture SB 01.02.06 - Montreal|680803 - प्रवचन श्री.भा. १.२.६ - मॉन्ट्रियल}}
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680803SB-MONTREAL_ND_02.mp3</mp3player>|हम कोई भेद नहीं करते हैं, कि एक पुरुष, महिला की तुलना में उन्नत कृष्ण भावनाभावित हो सकता है। नहीं! एक महिला उत्तम कृष्ण भावनाभावित भक्त हो सकती है, क्योंकि वे बहुत सरल होती हैं । वे किसी भी धार्मिक व्यवस्था को स्वीकार कर सकती हैं। आम तौर पर महिलाएं, वे इसे स्वीकार करती हैं, क्योंकि वे बहुत सरल होती हैं। उनके हृदय में कपट नहीं होता। इसीलिए, कभी-कभी उनका शोषण होता है। तो आध्यात्मिक मंच में ऐसा कोई भेद नहीं है।|Vanisource:680803 - Lecture SB 01.02.06 - Montreal|680803 - प्रवचन श्री.भा. १.२.६ - मॉन्ट्रियल}}

Latest revision as of 17:52, 15 June 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
हम कोई भेद नहीं करते हैं, कि एक पुरुष, महिला की तुलना में उन्नत कृष्ण भावनाभावित हो सकता है। नहीं! एक महिला उत्तम कृष्ण भावनाभावित भक्त हो सकती है, क्योंकि वे बहुत सरल होती हैं । वे किसी भी धार्मिक व्यवस्था को स्वीकार कर सकती हैं। आम तौर पर महिलाएं, वे इसे स्वीकार करती हैं, क्योंकि वे बहुत सरल होती हैं। उनके हृदय में कपट नहीं होता। इसीलिए, कभी-कभी उनका शोषण होता है। तो आध्यात्मिक मंच में ऐसा कोई भेद नहीं है।
680803 - प्रवचन श्री.भा. १.२.६ - मॉन्ट्रियल