HI/681020 बातचीत - श्रील प्रभुपाद सिएटल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/681020R1-SEATTLE_ND_01.mp3</mp3player>|"तो हरा, हरा (यह इस) शब्द का रूप है... हरे यह हरा शब्द का संबोधनात्मक रूप है, जब वे सम्बोधित करी जाती हैं। और कृष्ण जब वे सम्बोधित करे जाते हैं, (तब शब्द का) रूप नहीं परिवर्तित होता। यह व्याकरण का नियम है। तो हरे कृष्ण के मायने, ओह, कृष्ण की शक्ति, या प्रभु की ऊर्जा, और कृष्ण "वे प्रभु"। तो हरे कृष्ण। हरे कृष्ण मायने मैं प्रभु से ही नहीं, बल्कि (उनकी) शक्ति से भी प्रार्थना कर रहा हूँ।"|Vanisource:681020 - Conversation - Seattle|681020 - बातचीत - सिएटल}}
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Latest revision as of 06:12, 13 January 2021

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"तो हरा, हरा (यह इस) शब्द का रूप है... हरे यह हरा शब्द का संबोधनात्मक रूप है, जब वे सम्बोधित करी जाती हैं। और कृष्ण जब वे सम्बोधित करे जाते हैं, (तब शब्द का) रूप नहीं परिवर्तित होता। यह व्याकरण का नियम है। तो हरे कृष्ण के मायने, ओह, कृष्ण की शक्ति, या प्रभु की ऊर्जा, और कृष्ण "वे प्रभु"। तो हरे कृष्ण। हरे कृष्ण मायने मैं प्रभु से ही नहीं, बल्कि (उनकी) शक्ति से भी प्रार्थना कर रहा हूँ।"
681020 - बातचीत - सिएटल