HI/680610b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Revision as of 07:39, 26 May 2019
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
पूरी प्रक्रिया है सुनना । आपको किसी भी शिक्षा की आवश्यकता नहीं है; आपको किसी वैज्ञानिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है, यह या वह । बस यदि आप कृपया यहां आते हैं और इस भगवद गीता और श्रीमद-भागवतम को सुनते हैं, तो आप पूरी तरह से सीख जाओगे और पूरी तरह से आत्म बोधित हो जाओगे । सरलता से । स्थाने स्थिताः (श्री.भा. १०.१४.३) । चैतन्य महाप्रभु ने इस प्रक्रिया की सिफारिश की है । हम उन बेचारे लोगों को सुविधा देने के लिए इतनी सारी शाखाएँ खोलने की कोशिश कर रहे हैं जो यह नहीं जानते कि जीवन का अंत क्या है, मानव जीवन का उद्देश्य क्या है, कोई कैसे परिपूर्ण बन सकता है । ये ज्ञान, ये जानकारी उपलब्ध हैं । हम इसे वितरित करने की कोशिश कर रहे हैं । यह हठधर्मिता नहीं है, यह सब वैज्ञानिक है । |
680610 - प्रवचन भ.गी. ४.५ - मॉन्ट्रियल |