HI/670102c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 04:43, 12 October 2020
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"वास्तव में आप देखते हैं कि, वृंदावन-धाम वह स्थान है, एक छोटी सी भूमि, जो चौरासी कोस क्षेत्र की है, किन्तु कोई भी व्यक्ति, कितना भी नास्तिक क्यों न हो, या कितना भी बेहूदा क्यों न हो, यदि वह उस स्थान पर जाता है, तो वह कृष्ण की उपस्थिति महसूस करेगा। फिर भी, फिर भी केवल वहां जाने से, वह तुरंत अपना मन को बदल देगा कि, "यहाँ भगवान है ।" वह इसे स्वीकार करेगा। फिर भी यदि आप चाहें, तो आप भारत जाकर यह प्रयोग कर सकते हैं। यद्यपि, वृंदावन साकारवादी के लिए एक जगह है, अब भारत के सभी निराकारवादी संप्रदाय भी वृंदावन में अपना आश्रम बना रहे हैं। क्योंकि वे कहीं भी भगवद भावना को प्राप्त करने के लिए सफल नहीं रहे हैं, वे वृंदावन आ रहे हैं। यह इतनी अच्छी जगह है।" |
670102 - प्रवचन चै.च. मध्य २०.३९१-४०५ - न्यूयार्क |