HI/690424b बातचीत - श्रील प्रभुपाद बॉस्टन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Revision as of 17:05, 29 July 2021
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"भगवद गीता में भगवान कहते हैं, वेदाहं समतीतानि वर्तमानानि चार्जुना (भ. गी. ७.२६) 'मैं वर्तमान, भूत एवं भविष्य में क्या घटित हुआ था , हुआ है या होने वाला है सब कुछ जानता हूं। परंतु हम नहीं जानते। हम भूल गए हैं।" हमारे दैनिक जीवन में, हमारे बचपन में, इतनी सारी चीजें जो हमने कीं। हमें याद नहीं है। परंतु हमारे माता-पिता याद रख सकते हैं, हमारे बाल्यकाल के जो भी क्रियाकलाप थे । इस कारण भुलाना हमारा स्वभाव है। परंतु यदि हम कृष्ण के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखते हैं, तो वह हमें याद दिलाएंगे।” |
690424 - बातचीत - बॉस्टन |