HI/Prabhupada 0444 - गोपी, वे बद्ध आत्मा नहीं हैं । वे मुक्त आत्मा हैं: Difference between revisions

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प्रभुपाद: हम्म?
प्रभुपाद: हम्म?  


भक्त: मैंने अापके लेखन में कहीं पढ़ा है कि राधा और कृष्ण की गोपनीय मामलों को समझने के लिए, हमें उन गोपियों की सेवा करनी चाहिए जो गोपियों के नौकर हैं, और मैंनें यह मान लिया था कि आप गोपियों का सेवक हैं । क्या यह सही है? या ... कैसे मैं गोपियों के सेवकों की सेवा कर सकता हूं?
भक्त: मैंने अापके लेखन में कहीं पढ़ा है कि राधा और कृष्ण के गोपनीय मामलों को समझने के लिए, हमें उन गोपियों की सेवा करनी चाहिए जो गोपियों के नौकर हैं, और मैंनें यह मान लिया था कि आप गोपियों के सेवक हैं । क्या यह सही है? या ... कैसे मैं गोपियों के सेवकों की सेवा कर सकता हूं?  


प्रभुपाद: गोपि, वे सर्शत अात्मा नहीं हैं । वे मुक्त आत्मा हैं । तो सब से पहले तुम्हे इस सशर्त जीवन से बाहर आना होगा । तो फिर गोपी की सेवा का सवाल आएगा । मत बनो, वर्तमान क्षण में, गोपी की सेवा करने के लिए बहुत उत्सुक । बस अपनी सशर्त जीवन से बाहर निकलने की कोशिश करो । फिर समय आएगा जब तुम गोपी की सेवा करने में सक्षम हो जाअोगे । इस सशर्त हालत में हम कुछ भी सेवा नहीं कर सकते हैं । कृष्ण यह कर रहे हैं । लेकिन कृष्ण हमें अवसर देते हैं इस अर्च-मार्ग में सेवा को स्वीकार करने का । जैसे हम कृष्ण की मूर्ति रखते हैं, प्रसाद प्रदान करते हैं सिद्धांत के तहत, विनियमन के तहत । तो हमें इस तरह से अग्रिम होना होगा, यह जप, श्रवण, और मंदिर में पूजा, आरती, प्रसादम की पेशकश । इस तरह, जैसे हम अग्रिम होते हैं, तो स्वचालित रूप से श्री कृष्ण तुम्हे प्रकाशित होंगे, और तुम्हे अपनी स्थिति समझ में आ जाएगी, कैसे तुम्हे ... गोपियों का मतलब है जो हमेशा, लगातार भगवान की सेवा में लगे हुए हैं । तो उस शाश्वत रिश्ते का पता चल जाएगा । तो हमें उस के लिए इंतज़ार करना होगा । तुरंत हम गोपियों की सेवा की नकल नहीं कर सकते हैं । यह एक अच्छा विचार है, कि तुम गोपी की सेवा करोगे, लेकिन इसमें समय लगेगा । तुरंत नहीं । तुरंत हमें नियमों और विनियमों का पालन करना होगा अौर नियमित काम ।
प्रभुपाद: गोपी, वे बद्ध अात्माए नहीं हैं । वे मुक्त आत्मा हैं । तो सब से पहले तुम्हे इस बद्ध जीवन से बाहर आना होगा । तो फिर गोपी की सेवा का सवाल आएगा । वर्तमान क्षण में, गोपी की सेवा करने के लिए बहुत उत्सुक मत बनो । बस अपने बद्ध जीवन से बाहर निकलने की कोशिश करो । फिर समय आएगा जब तुम गोपी की सेवा करने में सक्षम हो जाअोगे । इस बद्ध हालत में हम कुछ भी सेवा नहीं कर सकते हैं । कृष्ण यह कर रहे हैं । लेकिन कृष्ण हमें अवसर देते हैं इस अर्च-मार्ग में सेवा को स्वीकार करने का । जैसे हम कृष्ण का अर्चविग्रह रखते हैं, प्रसाद अर्पण करते हैं सिद्धांत के तहत, विनियमन के तहत ।  
 
तो हमें इस तरह से अग्रिम होना होगा, यह जप, श्रवण, और मंदिर में पूजा, आरती, प्रसादम अर्पण । इस तरह, जैसे हम अग्रिम होते हैं, तो स्वचालित रूप से श्री कृष्ण तुम्हे प्रकाशित होंगे, और तुम्हे अपनी स्थिति समझ में आ जाएगी, कैसे तुम्हे   ... गोपियों का मतलब है जो हमेशा, लगातार भगवान की सेवा में लगे हुए हैं । तो उस शाश्वत रिश्ते का पता चल जाएगा । तो हमें उस के लिए इंतज़ार करना होगा । तुरंत हम गोपियों की सेवा की नकल नहीं कर सकते हैं । यह एक अच्छा विचार है, कि तुम गोपी की सेवा करोगे, लेकिन इसमें समय लगेगा । तुरंत नहीं । तुरंत हमें नियमों और विनियमों का पालन करना होगा अौर नियमित काम ।  
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Latest revision as of 06:51, 11 October 2018



Lecture on BG 2.8-12 -- Los Angeles, November 27, 1968

प्रभुपाद: हम्म?

भक्त: मैंने अापके लेखन में कहीं पढ़ा है कि राधा और कृष्ण के गोपनीय मामलों को समझने के लिए, हमें उन गोपियों की सेवा करनी चाहिए जो गोपियों के नौकर हैं, और मैंनें यह मान लिया था कि आप गोपियों के सेवक हैं । क्या यह सही है? या ... कैसे मैं गोपियों के सेवकों की सेवा कर सकता हूं?

प्रभुपाद: गोपी, वे बद्ध अात्माए नहीं हैं । वे मुक्त आत्मा हैं । तो सब से पहले तुम्हे इस बद्ध जीवन से बाहर आना होगा । तो फिर गोपी की सेवा का सवाल आएगा । वर्तमान क्षण में, गोपी की सेवा करने के लिए बहुत उत्सुक मत बनो । बस अपने बद्ध जीवन से बाहर निकलने की कोशिश करो । फिर समय आएगा जब तुम गोपी की सेवा करने में सक्षम हो जाअोगे । इस बद्ध हालत में हम कुछ भी सेवा नहीं कर सकते हैं । कृष्ण यह कर रहे हैं । लेकिन कृष्ण हमें अवसर देते हैं इस अर्च-मार्ग में सेवा को स्वीकार करने का । जैसे हम कृष्ण का अर्चविग्रह रखते हैं, प्रसाद अर्पण करते हैं सिद्धांत के तहत, विनियमन के तहत ।

तो हमें इस तरह से अग्रिम होना होगा, यह जप, श्रवण, और मंदिर में पूजा, आरती, प्रसादम अर्पण । इस तरह, जैसे हम अग्रिम होते हैं, तो स्वचालित रूप से श्री कृष्ण तुम्हे प्रकाशित होंगे, और तुम्हे अपनी स्थिति समझ में आ जाएगी, कैसे तुम्हे ... गोपियों का मतलब है जो हमेशा, लगातार भगवान की सेवा में लगे हुए हैं । तो उस शाश्वत रिश्ते का पता चल जाएगा । तो हमें उस के लिए इंतज़ार करना होगा । तुरंत हम गोपियों की सेवा की नकल नहीं कर सकते हैं । यह एक अच्छा विचार है, कि तुम गोपी की सेवा करोगे, लेकिन इसमें समय लगेगा । तुरंत नहीं । तुरंत हमें नियमों और विनियमों का पालन करना होगा अौर नियमित काम ।