HI/750117 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
No edit summary
 
Line 2: Line 2:
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७५]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - १९७५]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - बॉम्बे]]
[[Category:HI/अमृत वाणी - बॉम्बे]]
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/750117SB-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|"कुम्हार का पहिया मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन कर रहा है। तो कारण क्या है? कोई कहेगा कि "गंदगी, पृथ्वी, इस बर्तन का कारण है क्योंकि यह पृथ्वी से बना है।" दूसरा कहेगा, "नहीं, इसका कारण पहिया है। चूँकि पहिया इधर-उधर हो रहा है, इसलिए वह बाहर निकल रहा है।" लेकिन ये दो कारण, प्रकृति और प्रधान, अवयव और साधन, ये कारण नहीं हैं। इसका कारण कुम्हार है।"|Vanisource:750117 - Lecture SB 03.26.42 - Bombay|७५०११७ - प्रवचन श्री.भा. ०३.२६.४२ - बॉम्बे}}
<!-- BEGIN NAVIGATION BAR -- DO NOT EDIT OR REMOVE -->
{{Nectar Drops navigation - All Languages|Hindi|HI/750115 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750115|HI/750118 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं|750118}}
<!-- END NAVIGATION BAR -->
{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/750117SB-BOMBAY_ND_01.mp3</mp3player>|"कुम्हार का पहिया मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन कर रहा है। तो कारण क्या है? कोई कहेगा कि "गंदगी, पृथ्वी, इस बर्तन का कारण है क्योंकि यह पृथ्वी से बना है।" दूसरा कहेगा, "नहीं, इसका कारण पहिया है। चूँकि पहिया इधर-उधर हो रहा है, इसलिए वह बाहर निकल रहा है।" लेकिन ये दो कारण, प्रकृति और प्रधान, अवयव और साधन, ये कारण नहीं हैं। इसका कारण कुम्हार है।"|Vanisource:750117 - Lecture SB 03.26.42 - Bombay|750117 - प्रवचन श्री.भा. ०३.२६.४२ - बॉम्बे}}

Latest revision as of 09:38, 23 September 2020

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कुम्हार का पहिया मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन कर रहा है। तो कारण क्या है? कोई कहेगा कि "गंदगी, पृथ्वी, इस बर्तन का कारण है क्योंकि यह पृथ्वी से बना है।" दूसरा कहेगा, "नहीं, इसका कारण पहिया है। चूँकि पहिया इधर-उधर हो रहा है, इसलिए वह बाहर निकल रहा है।" लेकिन ये दो कारण, प्रकृति और प्रधान, अवयव और साधन, ये कारण नहीं हैं। इसका कारण कुम्हार है।"
750117 - प्रवचन श्री.भा. ०३.२६.४२ - बॉम्बे