HI/700515 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Revision as of 04:32, 13 September 2021
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"आध्यात्मिक गुरु कोई आविष्कार नहीं कर रहे हैं। यह वही प्राचीन ज्ञान है । ठीक श्रीमद्भगवद्गीता के समान, कृष्ण अर्जुन को पुरातन ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। तो हमें कोई नवीन खोज नहीं करनी है। यँहा सब कुछ पहले से ही उपस्थित है। हमें केवल एक धीर व्यक्ति से श्रवण करना है , जो छः प्रकार के उत्तेजनकारी प्रतिनिधियों द्वारा उत्तेजित ना हो। यह वैदिक ज्ञान की विधि है।" |
700515 - प्रवचन ईशो १० - लॉस एंजेलेस |