HI/661224 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

 
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{{Audiobox_NDrops|Nectar Drops from Srila Prabhupada|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/661224CC-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|"जो सफलता सतयुग में ध्यान योग द्वारा प्राप्त की जाती थी वह अगले युग में यज्ञ (त्याग) और उससे से अगले युग में मन्दिर में पूजा करने से प्राप्त होती थी। इस युग के लिए बताया गया है कि वही सफलता, वही सिद्धि, वही अध्यात्मिक सिद्धि, हरि कीर्तन करने से प्राप्त कर सकते हैं,"हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे" का जप करने से प्राप्त कर सकते है। हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करने के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती। कोई भी और हर कोई इसका जप कर सकता है और जाप करने से ह्रदय के आईने पर पड़ी धूल स्वच्छ हो जाती है।"|Vanisource:661224 - Lecture CC Madhya 20.334-341 - New York|661224 - Lecture CC Madhya 20.334-341 - New York}}
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/661224CC-NEW_YORK_ND_01.mp3</mp3player>|"जो सफलता सत्ययुग में ध्यान योग द्वारा प्राप्त की जाती थी, वह अगले युग में यज्ञ द्वारा और उससे अगले युग में अर्चा-विग्रह की अराधना करने से प्राप्त होती थी। इस युग के लिए बताया गया है कि वही सफलता, वही सिद्धि, हरी किर्तन करने से प्राप्त कर सकते हैं, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे / हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, महामंत्र के जप करने से प्राप्त कर सकते है। हरे कृष्ण महामंत्र का जप करने के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं है। हर कोई इसका उच्चारण कर सकता है और इसका जप करने से, परिणाम यह होगा कि प्रगतिशील जप उसे मन के दर्पण पर जमी धूल को साफ करने में मदद करेगा।" |Vanisource:661224 - Lecture CC Madhya 20.334-341 - New York|661224 - प्रवचन चै.च. मध्य २०.३३४-३४१ - न्यूयार्क}}

Latest revision as of 05:11, 6 April 2022

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जो सफलता सत्ययुग में ध्यान योग द्वारा प्राप्त की जाती थी, वह अगले युग में यज्ञ द्वारा और उससे अगले युग में अर्चा-विग्रह की अराधना करने से प्राप्त होती थी। इस युग के लिए बताया गया है कि वही सफलता, वही सिद्धि, हरी किर्तन करने से प्राप्त कर सकते हैं, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे / हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, महामंत्र के जप करने से प्राप्त कर सकते है। हरे कृष्ण महामंत्र का जप करने के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं है। हर कोई इसका उच्चारण कर सकता है और इसका जप करने से, परिणाम यह होगा कि प्रगतिशील जप उसे मन के दर्पण पर जमी धूल को साफ करने में मदद करेगा।"
661224 - प्रवचन चै.च. मध्य २०.३३४-३४१ - न्यूयार्क