HI/670101b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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Latest revision as of 05:14, 10 April 2022
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"भगवान की रचना अद्भुत है। यँहा सब कुछ असीमित है। वे असीमित हैं। उनका निर्माण असीमित है। उनकी लीलाएं असीमित हैं। उनके रूप असीमित हैं। सब कुछ असीमित है। सब कुछ। उनके अवतार असीमित हैं। सब कुछ। जैसा आप देख सकते हैं, अपने शरीर में भी, क्या आप गिन सकते हैं कि आपके शरीर और सिर पर कितने बाल हैं ? वे असीमित हैं। मैं दावा कर रहा हूं, "यह मेरा शरीर है," लेकिन मुझे नहीं पता कि कितने बाल हैं। लेकिन आप कृष्ण से पूछिये, वे आपको बतायेंगे।" |
प्रवचन चै.च. मध्य २०.३८५-३९५- न्यूयार्क |