HI/680323 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions
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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680323MW-SAN_FRANCISCO_ND_01.mp3</mp3player>|हम बहुत ही अनिश्चित स्थिति में | {{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/680323MW-SAN_FRANCISCO_ND_01.mp3</mp3player>|हम बहुत ही अनिश्चित स्थिति में हैं। यह बहुत प्रतिकूल स्थिति है। सबसे श्रेष्ठ है की कृष्ण से प्रार्थना करें, 'कृपया मुझे बहुत जल्द इस संसार से उठाएं और वापस अपने धाम में ले जाएं।' यदि आपको पुनः वापस आना है, तो आप नहीं जानते हमें कितने कष्टों से गुज़रना होगा। क्योंकि कलियुग की उन्नति के साथ-साथ सब कुछ अधिकाधिक कष्टप्रद होता जा रहा है। पारिवारिक जीवन में कोई सुख नहीं है, सामाजिक जीवन में कोई सुख नहीं है, राजनीतिक जीवन में कोई सुख नहीं है, आजीविका कमाने में कोई सुख नहीं है। सब कुछ भारग्रस्त है।|Vanisource:680323 - Morning Walk - San Francisco|680323 - सुबह की सैर - सैन फ्रांसिस्को}} |
Latest revision as of 04:37, 25 May 2022
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
हम बहुत ही अनिश्चित स्थिति में हैं। यह बहुत प्रतिकूल स्थिति है। सबसे श्रेष्ठ है की कृष्ण से प्रार्थना करें, 'कृपया मुझे बहुत जल्द इस संसार से उठाएं और वापस अपने धाम में ले जाएं।' यदि आपको पुनः वापस आना है, तो आप नहीं जानते हमें कितने कष्टों से गुज़रना होगा। क्योंकि कलियुग की उन्नति के साथ-साथ सब कुछ अधिकाधिक कष्टप्रद होता जा रहा है। पारिवारिक जीवन में कोई सुख नहीं है, सामाजिक जीवन में कोई सुख नहीं है, राजनीतिक जीवन में कोई सुख नहीं है, आजीविका कमाने में कोई सुख नहीं है। सब कुछ भारग्रस्त है। |
680323 - सुबह की सैर - सैन फ्रांसिस्को |