HI/700513b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं: Difference between revisions

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{{Audiobox_NDrops|HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी|<mp3player>https://s3.amazonaws.com/vanipedia/Nectar+Drops/700513IP-LOS_ANGELES_ND_02.mp3</mp3player>|"तो यह ईशोपनिषद हमें सिखाता है कि हमें बहुत सावधान रहना चाहिए। हमें बहुत अधिक उन्नत नहीं होना चाहिए... हम उन्नत हो सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम यह नहीं कहते हैं कि आप भौतिक शिक्षा में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। आप उन्नत करें पर साथ हि साथ कृष्ण भावनामृत भी बनें। यह हमारा प्रचार है। हम यह नहीं कहते हैं कि आप नहीं..., आप मोटरकार का निर्माण नहीं करें या आप यह इतने सारे यंत्र का निर्माण नहीं करें। हम यह नहीं कहते हैं। लेकिन हम कहते हैं, 'ठीक है, आपने इस यंत्र का निर्माण किया है। इसे कृष्ण की सेवा में नियुक्त करें'। यह हमारा प्रस्ताव है। हम यह नहीं कहते हैं कि इसे रोकें। हम यह नहीं कहते हैं कि आपके पास..., कोई भी यौन क्रिय का जीवन न रखें । लेकिन हम कहते हैं, 'हाँ, आपके पास यौन क्रिय का जीवन है-कृष्ण के लिए। आप कृष्ण भावनामृत बच्चे पैदा करें। आप सौ बार यौन क्रिय का जीवन करें। लेकिन बिल्लि और कुत्तों को उत्पन्न न करें'। यह हमारा प्रस्ताव है।"|Vanisource:700513 - Lecture ISO 09 - Los Angeles|700513 - प्रवचन इशो ०९ - लॉस एंजेलेस}}
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Revision as of 15:44, 8 January 2023

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यह ईशोपनिषद हमें सिखाता है कि हमें बहुत सावधान रहना चाहिए। हमें बहुत अधिक उन्नत नहीं होना चाहिए... हम उन्नत हो सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम यह नहीं कहते हैं कि आप भौतिक शिक्षा में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। आप उन्नत करें पर साथ हि साथ कृष्ण भावनामृत भी बनें। यह हमारा प्रचार है। हम यह नहीं कहते हैं कि आप नहीं..., आप मोटरकार का निर्माण नहीं करें या आप यह इतने सारे यंत्र का निर्माण नहीं करें। हम यह नहीं कहते हैं। लेकिन हम कहते हैं, 'ठीक है, आपने इस यंत्र का निर्माण किया है। इसे कृष्ण की सेवा में नियुक्त करें'। यह हमारा प्रस्ताव है। हम यह नहीं कहते हैं कि इसे रोकें। हम यह नहीं कहते हैं कि आपके पास..., कोई भी यौन क्रिय का जीवन न रखें । लेकिन हम कहते हैं, 'हाँ, आपके पास यौन क्रिय का जीवन है-कृष्ण के लिए। आप कृष्ण भावनामृत बच्चे पैदा करें। आप सौ बार यौन क्रिय का जीवन करें। लेकिन बिल्लि और कुत्तों को उत्पन्न न करें'। यह हमारा प्रस्ताव है।"
700513 - प्रवचन इशो ०९ - लॉस एंजेलेस