HI/Prabhupada 0858 - हम प्रशिक्षण दे रहे हैं, हम वकालत कर रहे हैं कि अवैध यौन संबंध पाप है

Revision as of 14:50, 20 May 2015 by GauriGopika (talk | contribs) (Created page with "<!-- BEGIN CATEGORY LIST --> Category:1080 Hindi Pages with Videos Category:Hindi Pages - 207 Live Videos Category:Prabhupada 0858 - in all Languages Category:HI...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)


Invalid source, must be from amazon or causelessmery.com

750521 - Conversation - Melbourne

प्रभुपाद: हम प्रशिक्षण दे रहे हैं, कभी कभी लोग हँसते हैं, "यह क्या बकवास है ?" वे आलोचना करते हैं । समाज के नेता प्रोत्साहित नहीं करते हैं । कल मैं एक पुजारी के साथ बात कर रहा था। तो अवैध यौन जीवन के बारे में उन्होंने कहा, "वहाँ क्या गलत है? यह एक बड़ी खुशी है।" तुम समझ रहे हो ? हम प्रशिक्षण दे रहे हैं, हम वकालत कर रहे हैं कि अवैध सेक्स पाप है । हमारी पहली शर्त यह है कि इन चार चीजों को छोड़ होगा : अवैध सेक्स, मांसाहार, नशा और जुआ। स्वीकार करने से पहले मेरी पहली शर्त यह है। तो वे इस बात से सहमत होते हैं और वे पालन करते हैं ।

निर्देशक: हमारे लोग यही करते हैं ।

प्रभुपाद: हम्म?

निर्देशक: हमारे ग्राहक यही करते हैं ।

प्रभुपाद: हाँ, वे करेंगे। यदि नियमित रूप से संस्था चलती है सभी सुविधाअों के साथ.... कई भक्तों यहाँ आते हैं । कुछ समय के बाद वे समर्पित भक्त हो जाते हैं। विधि होनी चाहिए। यह है ... हम बढ़ रहे हैं; हमारा आंदोलन कम नहीं हो रहा है। जैसे हमने यहाँ एक मंदिर खोला है । कोई मंदिर नहीं था, लेकिन हमारा एक अच्छा मंदिर है। इस तरह से हमार आंदोलन परी दुनिया में बढ़ रह है, यह कम नहीं हो रहा है। मैं अकेले भारत से आया था, न्यूयॉर्क, १९६५ में। तो एक वर्ष तक मेरे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी, खाने का कोई साधन नहीं था। मैं घूम रहा था इधर उधर, किसी दोस्त के घर कभी और कभी किसी अौर दोस्त के घर में रहता । फिर धीरे-धीरे विकास हुअा, लोग । मैं न्यूयॉर्क के एक चौराहे पर कीर्तन करता था, अकेले, पूरे तीन घंटे । वह क्या है, टोम्प्किन्सन स्क्वैर ? हाँ । यतुम न्यूयॉर्क गए हो ? तो यह मेरी शुरुआत थी। फिर धीरे-धीरे लोग आए। (भक्त को) तुम किसी क्लब में थे, क्या है वह?

मधुद्विष: कैलिफोर्निया ?

प्रभुपाद: हाँ।

मधुद्विष: फ़ार्म में।

प्रभुपाद: फ़ार्म ?

मधुद्विष: मॉर्निंगस्टार ?

प्रभुपाद: हा, हा, आह।

मधुद्विष:: हाँ। (हंसते हुए)

प्रभुपाद: (हंसते हुए) यह एक वेश्यालय था।

मधुद्विष:: हिप्पी फार्म । अाप वहाँ आए थे ।

प्रभुपाद: तो मैं वहॉ था....मैं वहाॉ गया । आयोजक, वह मुझे वहाँ ले गया । तो मुझे लगता है अगर हम ... अगर अाप गंभीर हैं, तो हम मिल कर एक संस्था खोलते हैं जहॉ लोग प्रशिक्षित किया जाने चाहिए कि कैसे प्रथम श्रेणी के बनें । बच्चों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। यह समाधान होगा ।

निर्देशक: तो समाज में परिवर्तन करना होगा।

प्रभुपाद: नहीं, कोई परिवर्तन नहीं। समाज जैसा है वैसे रहने दो । हम कुछ बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे जैसे हम डलास में कर रहे हैं और कुछ लोगों को जैसे हमने उन्हें प्रशिक्षित किया है । यह संभव है । यह व्यावहारिक उदाहरण है। जैसे तुम एक फार्म में थे, मॉर्निंगस्टार ।

निर्देशक: अापके कितने सज्जन अपराधी थे ?

मधुद्विष: अपराधी ?

निर्देशक: हाँ। क्या तुम कानून के साथ मुश्किल में थे यहॉ जुडऩे से पहले ?

मधूद्विष: ओह, कईभक्त ।

निर्देशक: क्या तुम ?

मधूद्विष: ओह, हाँ ।

निर्देशक: तुम किसी मुसीबत में थे ?

मधूद्विष : हाँ ।

भक्त (1): हम में एक लड़का है जो नौ महीने काट के अाया है पेंटरिज में । (विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया में जेल)

प्रभुपाद: यह व्यावहारिक है। हम रोक सकते हैं । वैसे ही जैसे वे साधु बन गए हैं। सब लोग ... भारत, वे हैरान हैं कि " कैसे आपने इन योरोपियों, अमेरिकियों को इस तरह से बना दिया है ?" वे हैरान हैं। क्योंकि भारत में, ब्राह्मण और दूसरे, वे इस धारणा के तहत थे कि "ये पश्चिमी लोग, वे बेकार हैं । वे उन्नत नहीं हो सकते हैं धर्मनिष्ठ या आध्यात्मिक । " तो जब उन्होंने देखा कि भारत में हमारे कई मंदिर हैं, कि वे अर्व विग्रह की पूजा कर रहे है अौर समचालन कर रहे हैं, कीर्तन, नाच रहे हैं, वे हैरान हैं। कई स्वामी मेरे पहले अाए थे, लेकिन वे बदल नहीं सके । लेकिन यह मैंने नहीं बदला है, लेकिन यह विधि इतना अच्छा है कि वे बदल गए ।