HI/661117 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कृष्ण और सामान्य जीव अंतर यह है कि हम एक ही स्थान पर हो सकते हैं, लेकिन कृष्ण .... गोलोक एव निवसत्यखिलात्मभूतो (ब्र॰सं॰ ५.३७) हालाँकि उनका दिव्य लोक है, जिसे गोलोक वृंदावन कहते हैं... वृंदावन वह नगर है, जहाँ से मैं आया हूँ, इस वृंदावन को भौम वृंदावन कहते हैं। भौम वृंदावन का अर्थ है कि वही वृंदावन इस धरती पर उतरा है। जिस प्रकार कृष्ण अपनी अान्तरिक शक्ति से इस धरती पर आये हैं, उसी प्रकार उनका धाम, या उनका वृंदावन भी इस धरती पर आया है। या यूँ कहा जायेकि कृष्ण अपने धाम से इस धरती पर आये हैं। वे उस विशेष धरती पर प्रकट होते हैं। इसलिए यह वृंदावन पवित्र धरती है।"
661117 - Lecture BG 08.15-20 - New York