HI/Prabhupada 0041 - वर्तमान जीवन अशुभता से भरा है

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Lecture on BG 9.1 -- Melbourne, June 29, 1974

पूरा ज्ञान। तुम अगर पढ़ सकते हो भगवद गीता, आप को पूरा ज्ञान मिलेगा। तो भगवान क्या कहते हैं? इदम् तु ते गुह्यतमम् प्रवक्श्यामि अनसूयवे (भ गी ९।१) भगवान कृष्ण, अर्जुन को सिखा रहे हैं। तो नौवें अध्याय में वह कहते हैं "मेरे प्रिय अर्जुन," मैं अब तुम्हे सबसे गोपनीय ज्ञान बोल रहा हूँ, "गुहयतमम्" तमम् का मतलब है अतिशयोक्ति, सकारात्मक तुलनात्मक और अत्युत्तमता। संस्कृत में, तरा-तम। तर तुलनात्मक है, और तम का मतलब है अतिशयोक्ति। तो यहाँ भगवान कहते हैं, उस उत्तम देवत्व व्यक्तित्व का कहना है, इदम तू ते गुहयतमम् प्रवक्ष्यामि : "अब मैं आप सबसे गोपनीय ज्ञान बोल रहा हूँ." ज्ञानम् विज्ञानम् सहितम् ज्ञान है पूर्ण ज्ञान के साथ, न कि कल्पना। ज्ञानम् विज्ञानम् सहितम्। विज्ञानम् मतलब "विज्ञान", "प्रत्यक्ष निदर्शन" तो ज्ञानम् विज्ञानम् सहितम् यज ज्ञात्वा। तुम इस ज्ञान को सीखोगे, ज्ञात्वा मोक्श्यसे अशुभात् अशुभात्। मोक्श्यसे आपको मुक्ति मिलेगि, और अशुभात् का मतलब है ""अशुभ" "अशुभ। तो हमारे वर्तमान जीवन में, वर्तमान क्षण में, वर्तमान जीवन इसका मतलब है जब तक हम इस भौतिक शरीर मे हैं, वह अशुभता से भरा है। मोक्शयसे अशुभात्। अशुभात् मतलब अशुभ।