HI/690113b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"श्रीमद - भागवतम में कहते हैं कि "किसी को भी पिता बनने की इच्छा नहीं होनी चाहिए, किसी को भी माँ बनने की इच्छा नहीं होनी चाहिए, जब तक कि बच्चे को आसन्न मृत्यु से बचाने में सक्षम न हो।" तो यह आध्यात्मिक गुरु का भी कर्तव्य है। एक आध्यात्मिक गुरु न बनें जब तक कोई शिष्य को आसन्न मृत्यु से बचाने में सक्षम नहीं होता है। तो वह आसन्न मृत्यु क्या है? आसन्न मृत्यु का अर्थ है ... क्योंकि हम आत्मा हैं, हमारी कोई मृत्यु नहीं है। लेकिन मृत्यु का अर्थ इस शरीर से है। इसलिए आध्यात्मिक गुरु का कर्तव्य है, यह माता-पिता का कर्तव्य है, यह राज्य का कर्तव्य है, यह लोगों के रिश्तेदारों, दोस्तों, सभी का कर्तव्य है, कि लोगों को इस आसन्न जन्म और मृत्यु से बचाए।"
690113 - प्रवचन अंश - लॉस एंजेलेस